9 Goddesses Mantra – Nav Durga Mantra Sadhana

As we know navratri is for nine days, so the mantra sadhana is for 9 days. Each one of the nine days is dedicated to a particular Goddess, Thus nine goddesses for nine days. Each day has a new mantra. One should recite the mantra of the day along with the durga mantra. Blog gives the information about are the mantras of the each goddess.

आनंद की खोज

आनंद तो अपना स्वरुप ही है। जैसे दूध में मक्खन रहता है पर दीखता नहीं। परन्तु दूध से दही बनकर, दही मंथन करने पर मक्खन दिख जाता है। ठीक इसी तरह मनुष्य को मन का मंथन करके आनंद को प्रकट करना है। दूध में जैसे मक्खन का अनुभव नहीं होता उसी प्रकार ईश्वर, जो सर्वत्र है उसका भी अनुभव नहीं होता।

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के प्रादुर्भाव की पौराणिक कथा

भगवान विष्णु के नर नारायण अवतार है जो भारतवर्ष के बद्रिकाश्रम तीर्थ में तपस्या करते थे। उन दोनों ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसमे स्थित हो पूजा ग्रहण करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। शिवजी भक्तो के प्रेम के वश में होने के कारण प्रतिदिन उनके बनाये हुए शिवलिंग में पूजित होने के लिए आया करते थे। जब उन दोनों के पूजन करते करते बहुत दिन व्यतीत हो गए

नवधा भक्ति

नवधा भक्ति भक्तो को मोक्ष और भोग प्रदान करने वाली है। कलियुग में प्रायः ज्ञान और वैराग्य के कोई ग्राहक नहीं है जो की मोक्षकारक है। परन्तु भक्ति कलियुग तथा अन्य युगो में भी प्रत्यक्ष फल देने वाली है। तीनो लोको और चारों युगों में भक्ति के समान दूसरा कोई सुखदायक मार्ग नहीं है। मुनियों में सगुणा और निर्गुण भक्ति के नौ अंग बताये है। जो नवधा भक्ति के नाम से प्रसिद्ध है - श्रवण, कीर्तन, स्मरण, सेवन, दास्य, अर्चन, वंदन, सख्य और आत्मसमर्पण

रक्षाबंधन – कथा, विधि, महातम्य, मुहूर्त

पुराणों के अनुसार यदि घर का मुखिया या फिर वह व्यक्ति जो घर की सम्पन्नता के साथ-साथ परिवार के सभी सदस्यों के कुशल मंगल का ख्याल रखें उसे इस रक्षा सूत्र की आवश्यकता होती है। उसके अनुसार आज के ज़माने में भाई और पिता के साथ माताएं, घर की बेटी या फिर बहन सभी यह ज़िम्मेदारियाँ निभा रही है, तो उन्हें भी रक्षासूत्र की आवश्यकता है। इसीलिए इस रक्षाबंधन के त्यौहार में अब बदलाव आवश्यक है।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

हिन्दू ग्रन्थ शिव पुराण में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (परमेश्वर ज्योतिर्लिंग) की जिस कथा का वर्णन है वह इस प्रकार है| एक समय की बात है भगवान नारद मुनि गोकर्ण नामक शिव के समीप जा बड़ी भक्ति के साथ उनकी सेवा करने लगे। कुछ समय के बाद वही मुनि श्रेष्ठ वहां से गिरिराज विंध्य पर आये और विंध्य ने वहां बड़े आदर से उनका पूजन किया।

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

भारतवर्ष में उज्जैन नाम से प्रसिद्ध नगर है जो समस्त प्राणियों को मोक्ष देने वाली है। वह नगरी भगवन शिव को अत्यंत प्रिय है। उस पूरी में एक ब्राह्मण भक्त रहते थे जो हमेशा शुभ कर्मो में अनुरक्त रहते थे। वेदों के अध्ययन तथा वैदिक अनुष्ठानो में सदा तत्पर रहते थे। प्रतिदिन घर में अग्नि की स्थापना कर अग्निहोत्र आदि नित्य कर्म करते और भगवन शिव की पूजा में संलग्न रहते थे।

श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

हमारे देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं पहला श्री सोमनाथ जिसका वर्णन पहले किया जा चूका है। दूसरा ज्योतिर्लिंग है मल्लिकार्जुन। शिवपुराण में मल्लिकार्जुन के प्रादुर्भाव के विषय में जिस कथा का उल्लेख यहाँ किया जा रहा है| आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं।

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

शिव पुराण के अनुसार ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहले सोमनाथ का नाम आता है। अतः यह सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के महत्व से सम्बंधित कथा है। सोमनाथ भगवान शिव का पूजन करने से रोगों का नाश होता हैं| जिस प्रकार शिव शंकर ने चंद्र देव को रोग मुक्त किया था उसी प्रकार भक्ति भाव से प्रार्थना करने पर भोलेनाथ उपासक के रोग दूर कर देते है।

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 2020

21 जून को साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। जो कि आषाढ़ महीने की अमावस्या को रहेगा। यह ग्रहण रविवार को होने से और भी प्रभावी हो गया है। इस सूर्य ग्रहण के दौरान स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा। The blog covers: ग्रहण और सूतक का समय ग्रहण का फल ध्यान रखने योग्य बातें जिन राशियों पर बुरा प्रभाव पड़ने वाला है उनके किये उपाय सूर्यग्रहण के प्रभाव

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