कामरूप देश में लोकहित की कामना से साक्षात् भगवान् शंकर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के रूप में अवतीर्ण हुए थे। उनका वह स्वरुप कल्याण और सुख का आश्रय है। पूर्वकाल में एक महापराक्रमी राक्षस हुआ था, जिसका नाम भीम था। वह सदा धर्म का विध्वंस करता और समस्त प्राणियों को दुख देता था।